Rajpath Desk : बिहार के कटिहार जिले में एक ऐसा इंसान है, जो नाम कमाने के लिए गत दस वर्षों से रोज एक ईंट खा रहा है। घर के सदस्यों की लाख मनाही के बाद भी उनकी यह दिनचर्या जारी है। ईंट से पहले उसे कोयला खाने की आदत थी। फिलहाल वह पूरी तरह स्वस्थ भी है और चाय दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण भी कर रहा है।
फलका थाना क्षेत्र के पिरमोकाम पंचायत के चंदवा बजरंगवली मंदिर समीप स्टेट हाईवे-77 के किनारे एक गुमटी में चाय दुकान चलाने वाला सुनील पासवान (30) इस लत के कारण पूरे क्षेत्र में चर्चित है। वह दुकान में भी एक थाली में दिनभर ईंट रखता है और अक्सर ईंट चबाता रहता है। भरपेट भोजन के बाद भी वह ईंट खाने से अपने को रोक नहीं पाता है। दिनभर में एक ईंट उसकी खुराक बन चुकी है।
सुनील की मां जमुनी देवी ने कहा कि जब वह 10 साल का था तभी से कोयला खाने लगा था। लाख समझाने के बाद भी वह अपनी लत से बाज नहीं आया। जब उसकी आयु लगभग बीस वर्ष हुआ तो वह ईंट खाने लगा। यह आदत अब भी बरकरार है। कुछ कहने पर बस इतना कहता है कि वह दुनिया में अपना नाम करना चाहता है।
गांव के लोगों ने कहा कि उसकी सेहत पर आज तक इसका कोई असर नहीं दिखा। उनके पांच बच्चे हैं। पत्नी सुलेखा देवी भी कहती हैं कि उनके पति यह जुनून बन गया है। सुनील कुमार का कहना है कि ईंट खाने से उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई है। उसका लक्ष्य पूरे दुनिया में नाम कमाने का है। वे तब तक ईंट खाते रहेंगे, जब तक उनका नाम चर्चा में नहीं आता है।
फलका पीएचसी के प्रभारी डॉ. पीके ङ्क्षसह ने कहा कि यह मेडिकल साइंस के लिए भी हैरत की बात है। ईंट खाने से शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ईंट या मिट्टी खाने से लीवर और पैंकिरियाज काम करना बंद कर देता है। यह आदत उसके लिए घातक साबित हो सकता है।