मुंबई| मुंबई में 26 नवंबर, 2008 के आतंकी हमलों में जीवित बचा इजरायली बच्चा मोशे होलत्जबर्ग एक दशक बाद मंगलवार की सर्द सुबह में मुंबई पहुंचा। मोशे (11) टी-शर्ट व शार्ट्स पहने हुए था। वह अपने नाना-नानी के साथ छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरा। इजरायल में मोशे की परवरिश उनके नाना-नानी कर रहे हैं। आतंकी हमले के समय मोशे महज दो साल का था।
हवाईअड्डे के बाहर मीडिया के लोगों की भीड़ देखकर वह असहज महसूस करने लगा और अपने नाना-नानी के पास जाकर उनसे चिपक गया।
मीडिया के आग्रह पर मोशे ने कहा, “शालोम..बहुत खुश।”
मोशे के नाना शिमोन रोसेनबर्ग ने कहा, “मैं नरीमन हाउस में प्रार्थना करना चाहता हूं, जहां मोशे के माता-पिता मारे गए..मोशे भारत से प्यार करता है व यहां के लोगों को पंसद करता है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद करना चाहता है।”
दौरे पर आए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मोशे के चबाद हाउस के दौरे की उम्मीद है। चबाद हाउस कोलाबा के नरीमन हाउस इमारत में है। मुंबई पर आतंकवादी हमले के दौरान दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने इसे भी निशाना बनाया था।
मोशे के माता-पिता रब्बी गेव्रियल (29) व रिवका होलत्जबर्ग (28) चबाद हाउस में आतंकवादियों की अंधाधुंध गोलीबारी का निशाना बने थे।
होलत्जबर्ग ने वर्ष 2003 में मुंबई पहुंचकर चबाद-लुबविच यहूदी केंद्र चलाया, जो स्थानीय यहूदी समुदाय व शहर में आने वाले यहूदियों की सेवा करता था। आतंकी हमले के बाद यह बंद हो गया और इसे 2014 में खोला गया।
आतंकी हमले के दौरान मोशे महज दो साल का था, उसकी भारतीय नैनी सांद्रा सैमुअल ने उसे बचाया था। बाद में सांद्रा इजरायल चली गई और वहीं उसे मानद नागरिकता हासिल हो गई।