चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने विभिन्न धार्मिक संस्थानों में दिए जाने वाले प्रसाद और लंगर (सामुदायिक भोजनालय) को जीएसटी से बाहर करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री ने सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व अन्य लोगों व संस्थानों की अपील पर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर इन सामानों को वस्तु एवं सेवा कर से बाहर करने की मांग की है।
अमरिंदर ने अपने पत्र में जेटली को याद दिलाया है कि गुरुद्वारा को लंगर में भोजन देने के लिए वैट के भुगतान से छूट दी गई थी। लेकिन नई जीएसटी प्रणाली के तहत इस पर कर का भुगतान करना है और साथ ही प्रसाद ब्रिकी पर भी कर देना है। इस वजह से सभी धार्मिक संस्थानों मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद और गिरजाघरों पर असर पड़ रहा है।
धार्मिक संस्थानों द्वारा खरीदे गए सामानों पर जीसटी कराधान सही नहीं है, क्योंकि इन केंद्रों का कोई आय का स्रोत नहीं है और इन्हें दान में मिले धन से चलाया जाता है। उन्होंने जेटली से मामले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया और सभी धार्मिक संस्थानों को जीसटी से मुक्त करने की मांग की। इसमें न सिर्फ प्रसाद की खरीद और बिक्री पर, बल्कि लंगर में भी खरीदे जाने वाले सामानों को जीएसटी मुक्त करने की मांग की।