चेन्नई. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने सोमवार को अपना सबसे शक्तिशाली और वजनी रॉकेट अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया। जीएसएलवी-एमके 3 का निक नेम ‘फैट बॉय’ रखा गया है।
इस रॉकेट की क्षमता 4 टन वजनी संचार उपग्रह को ऊपरी कक्षा में ले जाने की है। यह अंतरिक्ष में मानव मिशन के लिए 10 टन के कैप्सूल को भी ले जा सकता है। भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान या जीएसएलवी-एमके3 ISRO की अपने रॉकेटो के लिए घरेलू समाधान डिजाइन करने की महारत को दिखाएगा। जीएसएलवी-एमके 3 का निक नेम ‘फैट बॉय’ रखा गया है।
इसरो ने अपने जीएसएलवी-एमके2 के जरिये 2 टन के उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की क्षमता विकसित कर ली थी। जीएसएलवी-एमके2 का ढांचा क्रायोजेनिक अपर स्टेज (सीयूएस) था, जिस पर रूस के रॉकेटों की डिजाइनिंग का तगड़ा प्रभाव था। इसरो जीएसएलवी-एमके3 रॉकेट में तीसरे चरण में गैस कंबस्टर साइकल का इस्तेमाल करता है, जिसमें घरेलू स्तर पर विकसित डिजाइन सीई-20 का इस्तेमाल किया गया है। इस डिजाइन का विकास महेंद्रगिरी स्थित लिक्विड प्रोपलशन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) ने किया है। इसका इंजन रूसी डिजाइन से प्रभावित इंजनों की तुलना में कम जटिल है।