नई दिल्ली (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि अगर जम्मू एवं कश्मीर ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू नहीं किया, तो उसे बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा। जम्मू एवं कश्मीर ने जीएसटी लागू करने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है। जेटली ने यहां जीएसटी पर आज तक कॉन्क्लेव के दौरान कहा, “अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू एवं कश्मीर का तंत्र अलग है। राज्य सरकार को जीएसटी पर एक आदेश पारित करना होगा, जिस पर राष्ट्रपति हस्ताक्षर करेंगे।”
जम्मू एवं कश्मीर के वित्तमंत्री हसीब द्राबू द्वारा आयोजित हालिया सर्वदलीय बैठक में कुछ भागीदारों ने आशंका जताई कि जीएसटी को लागू करने से राज्य का देश के बाकी हिस्सों से आर्थिक एकीकरण हो जाएगा। इन लोगों ने इस तरह के आर्थिक एकीकरण का विरोध किया।
इस बैठक में नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने जम्मू एवं कश्मीर के लिए संविधान संशोधन 101 या जीएसटी अधिनियम पर चिंता जताई थी।
जेटली ने कहा, “संबंधित पक्षों को अपने रुख पर पुनर्विचार करना चाहिए और जीएसटी पर एक आम राय बनानी चाहिए, क्योंकि इसे लागू न करने का परिणाम प्रदेश के लोगों के लिए भयावह होगा।”
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, जीएसटी लागू करने पर राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा मिलने वाला मुआवजा, जम्मू एवं कश्मीर को नहीं मिलेगा।
वित्तमंत्री ने कहा, “ऐसे हालात में इस तरह का परिदृश्य हमारे सामने आ सकता है कि जम्मू जीएसटी व्यवस्था के तहत आना चाहेगा, जबकि कश्मीर नहीं।”