भोपाल| मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित राज्यभर में मंगलवार को शहीद दिवस पर महात्मा गांधी का पुण्य स्मरण किया गया। सभी ने देश की आजादी के लिए शहादत देने वालों का स्मरण करते हुए बापू के बताए सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने महात्मा गांधी के जीवन को एक आंदोलन बताया। राजधानी के गांधी भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बापू की प्रतिमा के समक्ष श्रद्धासुमन अर्पित कर गांधी के बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “गांधीजी का संपूर्ण जीवन एक आंदोलन की तरह था। आज हमारी संस्कृति और परंपराओं को बचाने की चुनौती है। इन चुनौतियों का सामना हमें महात्मा गांधी के जीवन दर्शन से सीख लेकर और आदर्शो पर चलकर ही करना है।”
राज्यपाल ने कहा, “गांधीजी के सत्य, अहिंसा और सर्वधर्म समभाव के आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं। आज के दिन, महात्मा गांधी को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम सब मानवता की रक्षा के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता और प्राचीन भारतीय संस्कृति को मजबूत बनाने का संकल्प लें। महात्मा गांधी के आदर्शो को आत्मसात करें।”
राज्यपाल ने इस अवसर पर उपस्थित छात्र-छात्राओं को अपने पास बुलाकर बापू के जीवन के बारे में बोलने के लिए प्रोत्साहित किया। इस पर छात्र-छात्राओं ने खुले मन से सबके सामने अपनी बात कही। राज्यपाल ने गांधीजी के शहादत दिवस पर आयोजित चित्रकला और ज्ञान प्रतियोगिता में विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया।
इस अवसर पर गांधी भवन ट्रस्ट के सचिव दयाराम नामदेव, ट्रस्टी महेश सक्सेना, स्कूलों के छात्र-छात्राएं और बापू के अनुयायी उपस्थित थे।
वहीं, ऊर्जा मंत्री पारस जैन एवं मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह की उपस्थिति में महात्मा गांधी की शहादत और अन्य शहीदों की स्मृति में दिन के 11 बजे राज्य मंत्रालय के सामने सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में दो मिनिट का मौन धारण किया गया।
इस मौके पर वरिष्ठ अधिकारियों सहित मंत्रालय तथा सतपुड़ा एवं विंध्याचल भवन के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
इसी तरह राज्य के अन्य हिस्सों में भी महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। दो मिनट का मौन रखे जाने के साथ आजादी के आंदोलन में महात्मा गांधी के योगदान का स्मरण किया गया।
छतरपुर में गांधी आश्रम से छात्र-छात्राओं की रैली निकाली गई, जो विभिन्न मार्गो से होकर गांधी आश्रम में सभा में परिवर्तित हो गई। इस मौके पर कई फिल्मों में गांधी की भूमिका निभा चुके सुरेंद्र राजन, मध्यप्रदेश सवरेदय मंडल के अध्यक्ष संतोष अवस्थी, संगठन मंत्री मनीष राजपूत, दमयंती बहन सहित कई गांधीवादी मौजूद रहे।
महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी, 1948 को दिल्ली में प्रार्थना सभा में जाते समय महाराष्ट्र के एक सिरफिरे कायर नाथूराम गोडसे ने उनके सीने में तीन गोलियां दागकर कर दी थी। इस दिवस को ‘पुण्यतिथि’ बताकर गांधी की शहादत तक को भुलाने का प्रयास किया जा रहा है।