इंफाल:मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने रविवार को पुलिसकर्मियों के लिए घटिया सामग्री की बेल्ट खरीदने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया। उनकी यह प्रतिक्रिया घटिया बेल्ट खरीद के एक और मामले के प्रकाश में आने के बाद आई है।
एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, सरकार में भ्रष्टाचार से समझौते का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। हम जांच करेंगे कि क्या जानबूझकर नई खेप में पुराने घोटाले को आगे बढ़ाते हुए पुलिस विभाग में दूसरी बार घटिया बेल्टों की सप्लाई की गई।
गृह विभाग भी संभालने वाले बिरेन सिंह ने कहा कि पहला घोटाला खुलने के बाद किसी कंपनी को नई खेप भेजने के लिए नहीं कहा गया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार घटिया जैकेटों का रंग उड़ गया है और सिकुड़ गई हैं। जैकेट को एक बार धुलने के बाद फिर उपयोग में नहीं लिया जा सका।
कुछ अधिकारियों ने दोबारा उपयोग में नहीं होने की स्थिति में बेल्ट और जैकेट में आग लगा दी।
वर्ष 2013-14 में कांग्रेस सरकार के समय पुलिस विभाग ने 20,000 बेल्टें 24 लाख 40 हजार रुपये में अब्दुल गनी खान से खरीदी थीं लेकिन गत्ते से बनी होने के कारण उन्हें वापस कर दिया गया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव सुहेल अख्तर की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित हुई। कमेटी ने 18 अगस्त 2017 को अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी। रिपोर्ट के आधार पर दो पुलिस अधिकारी- फौमी गौंगलिन और एम. कुमारजीत निलंबित कर दिए गए और सेवानिवृत इंस्पेक्टर जनरल पुलिस (आईजी) पी.एस. मंग्लेम्जाओ की पेंशन रोक दी गई। लेकिन कुछ महीनों बाद निलंबित पुलिस अधिकारी बहाल हो गए।
घोटाले के बाद अब्दुल गनी खान को सरकार ने काली सूची में डाल दिया लेकिन बाद में न्यायालय ने यह आदेश निरस्त कर दिया।
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एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, सरकार में भ्रष्टाचार से समझौते का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। हम जांच करेंगे कि क्या जानबूझकर नई खेप में पुराने घोटाले को आगे बढ़ाते हुए पुलिस विभाग में दूसरी बार घटिया बेल्टों की सप्लाई की गई।
गृह विभाग भी संभालने वाले बिरेन सिंह ने कहा कि पहला घोटाला खुलने के बाद किसी कंपनी को नई खेप भेजने के लिए नहीं कहा गया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार घटिया जैकेटों का रंग उड़ गया है और सिकुड़ गई हैं। जैकेट को एक बार धुलने के बाद फिर उपयोग में नहीं लिया जा सका।
कुछ अधिकारियों ने दोबारा उपयोग में नहीं होने की स्थिति में बेल्ट और जैकेट में आग लगा दी।
वर्ष 2013-14 में कांग्रेस सरकार के समय पुलिस विभाग ने 20,000 बेल्टें 24 लाख 40 हजार रुपये में अब्दुल गनी खान से खरीदी थीं लेकिन गत्ते से बनी होने के कारण उन्हें वापस कर दिया गया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव सुहेल अख्तर की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित हुई। कमेटी ने 18 अगस्त 2017 को अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी। रिपोर्ट के आधार पर दो पुलिस अधिकारी- फौमी गौंगलिन और एम. कुमारजीत निलंबित कर दिए गए और सेवानिवृत इंस्पेक्टर जनरल पुलिस (आईजी) पी.एस. मंग्लेम्जाओ की पेंशन रोक दी गई। लेकिन कुछ महीनों बाद निलंबित पुलिस अधिकारी बहाल हो गए।
घोटाले के बाद अब्दुल गनी खान को सरकार ने काली सूची में डाल दिया लेकिन बाद में न्यायालय ने यह आदेश निरस्त कर दिया।
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