नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार की वध के लिए पशुओं की बिक्री को प्रतिबंधित करने वाली अधिसूचना पर रोक लगा दी।
इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने भी इस कानून पर रोक लगा दी थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने पूरे देश में लागू करने का आदेश दिया।
सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश की केरल कांग्रेस के नेता रमेश चेन्निथला, एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और किसान सभा ने सराहना की है।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ से सरकार ने कहा कि हितधारकों द्वारा आपत्ति दर्ज कराने के बाद वह इस कानून पर फिर से अधिसूचना जारी करेगी।
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है, मद्रास उच्च न्यायालय की मादेरा पीठ द्वारा जारी अंतरिम आदेश को पूरे देश में लागू किया जाता है।
महाधिवक्ता पी.एस. नरसिम्हा ने अदालत से कहा कि चूंकि सरकार उच्च न्यायालय के आदेश के प्रति उत्तरदायी है, इसलिए कोई नया आदेश न पारित करें। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश को पूरे देश में लागू किया जाएगा।
नरसिम्हा ने शीर्ष अदालत को बताया कि सरकार इस कानून को तीन महीने तक क्रियान्वित नहीं करेगी।
केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चेन्निथला ने मंगलवार को कहा कि वह पशु वध बिक्री कानून पर रोक लगाने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की दिल से सराहना करते हैं।
चेन्निथला ने कहा, यह अधिसूचना और कुछ नहीं बल्कि लोगों की खाने की आजादी का उल्लंघन है। इसके अलावा पशु रक्षा के नाम पर लाए गए इस कानून से कृषक समुदाय सर्वाधिक प्रभावित होता। व्यावहारिक तौर पर इस कानून ने अफरा-तफरी और गुंडागर्दी बढ़ जाती।
वाम समर्थित अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) ने भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत किया है। 25 मई को पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना के खिलाफ याचिका दायर करने वालों में एआईकेएस भी शामिल है।
किसान सभा ने शीर्ष अदालत के इस आदेश को किसानों की जीत बताया और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय धर्मनिरपेक्ष ताकतों को सशक्त बनाएगी।
किसान सभा ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, किसानों द्वारा अधिसूचना वापस लिए जाने की मांग और संघर्ष के चलते सरकार दबाव में प्रतीत हो रही है। इसलिए यह संयुक्त रूप से संघर्ष कर रहे किसानों की जीत है।
उधर हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर कहा, बेहतरीन, बहुत अच्छा।
उन्होंने कहा, इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष कमजोर है। सरकार हमेशा से ही कमजोर रही है। उनके पास इस तरह की अधिसूचना जारी करने का कोई अधिकार नहीं है।
भारत को जनसांख्यिकी तौर पर विविधतापूर्ण बताते हुए ओवैसी ने कहा, सरकार को देश की विविधता का इस्तेमाल करना चाहिए। भारत एक महत्वपूर्ण और लाभदायक स्थिति में है। जनसांख्यिकी विविधता हमेशा के लिए खत्म नहीं होने वाली है। सरकार को इसका इस्तेमाल देश को ताकतवर बनाने में करना चाहिए।