नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से दो सप्ताह के अंदर हाजी अली दरगाह के चारों ओर 908 वर्ग मीटर से अधिक भूमि पर अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा है।
इससे पहले, बंबई उच्च न्यायालय भी राज्य सरकार को इसी तरह का निर्देश दे चुकी है।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, अगर आप हमारे निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो हम बहुत सख्त कार्रवाई करने वाले हैं। उच्च न्यायालय भी ऐसा ही आदेश दे चुका है, जिसका अब हम भी समर्थन करते हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा, तत्काल इसे करें। अवैध निर्माण ध्वस्त करें। यह हमारा निर्देश है। अगर निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
अदालत ने यह भी कहा कि हाजी अली दरगाह न्यास भी अवैध कब्जों को हटाने का समर्थन कर रही है।
पीठ ने कहा, आपको यह करना ही होगा, वे (हाजी अली दरगाह न्यास) इसमें आपकी मदद करेंगे।
सर्वोच्च न्यायलय ने उप जिलाधिकारी (अतिक्रमण/निवारण) को मामले की अगली सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित रहने के लिए कहा है।
कोलाबा के उप जिलाधिकारी (अतिक्रमण/निवारण) ने 22 मार्च, 2017 को अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया था।
मामले की नौ मई को हुई पिछली सुनवाई के दौरान ही अतिक्रमण हटाए जाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन जब सोमवार को हाजी अली दरगाह न्यास ने अदालत को सूचित किया कि अब तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो अदालत ने नया निर्देश जारी किया।
सर्वोच्च न्यायालय ने नौ मई को अपने आदेश में हाजी अली दरगाह न्यास को अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था और कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो बंबई उच्च न्यायालय द्वारा गठित संयुक्त कार्य बल यह कार्य करेगा।