चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने यह आदेश दिया है कि अब अधिकारियों का यह वैधानिक और नैतिक दायित्व है कि वह तमिलनाडु के नागपत्तनम जिले के एक गांव में आदि उत्सव के दौरान एक मंदिर में अनुसूचित जाति के लोगों को पूजापाठ करने की अनुमति दें.
न्यायमूर्ति एम सत्यनारायणन ने एम शणमुगवेलु और कल्लीमेदु गांव के दो अन्य लोगों द्वारा दाखिल याचिका पर आदेश देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता उस परिस्थिति के लिए सचेत रहेंगे और कुछ समझौते का प्रावधान करेंगे ताकि अगले साल में कम से कम तमिल महीने आदि के दौरान मंदिर त्योहार बिना किसी समस्या के मनाया जाए.
तीनों याचिकाकर्ताओं ने नागपत्तनम के जिलाधिकारी के 30 जुलाई के उस आदेश को निरस्त करने की मांग की थी जिसके जरिए धार्मिक अनुष्ठान को करने को लेकर विवाद की वजह से मंदिर में उत्सव रद्द कर दिया गया था. साथ ही याचिकाकर्ताओं ने जिलाधिकारी और हिंदू धार्मिक एवं परमार्थ धर्मादा संयुक्त आयुक्त को निर्देश देने की मांग की थी कि वो उत्सव आगम के सिद्धांत के अनुसार आयोजित करें.