लखनऊ : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के परिवार का झगड़ा सुलझने के बजाए लगातार बढ़ता ही जा रहा है. आज भी नेताओं को पार्टी से निकालने का दौर जारी है. एमएलसी उदयवीर और महासचिव रामगोपाल यादव को बाहर करने के बाद आज वन राज्य मंत्री पवन पांडे को भी छह साल के लिए पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया.
सपा के प्रदेश अध्य़क्ष शिवपाल यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात की जानकारी दी है. शिवपाल ने बताया है कि मारपीट के आरोपों के बाद पवन पांडे को पार्टी से छह साल के लिए बर्खास्त कर दिया गया है. उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि पवन पांडे को मंत्री पद से भी बर्खास्त किया जाए. पवन पांडे को अखिलेश यादव का काफी करीबी माना जाता है.
प्रेस कॉनफ्रेंस में शिवपाल ने यह भी कहा कि अब पार्टी में सबकुछ ठीक है. उन्होंने कहा कि मैं वहीं करूंगा जो नेताजी मुलायम सिंह यादव कहेंगे.
दरअसल मामला 24 अक्टूबर का है, जिस दिन मुलायम ने पार्टी नेताओं के साथ लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में बैठक की थी. गाजियाबाद में रहने वाले और पार्टी के एमएलसी आशु मलिक ने आरोप लगाया है कि पवन पांडे ने सीएम आवास पर एक कमरे में उनके साथ मारपीट की थी. मारपीट इतनी बढ़ गई थी कि खुद सीएम अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव को कमरे में जाकर दोनों में बीच-बचाव कराना पड़ा था.
अखिलेश ने कहा था कि आशु मलिक की एक चिट्ठी अखबारों में छपी जिसमें उनकी तुलना औरंगजेब से की गई थी. जिसके बाद विधायक आशु मलिक और पवन पांडे के बीच तल्खी बढ़ गई थी.
इससे पहले मुलायम सिंह के आदेश पर पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव को भी छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया है. रामगोपाल में बीजेपी नेता से मिलने, पार्टी तोड़ने और घोटाले जैसे गंभीर आरोपों के बाद यह कार्रवाई की गई थी.
22 अक्टूबर को एमएलसी उदयवीर को भी पार्टी से बाहर कर दिया गया था. उदयवीर सिंह को अनुशासनहीनता के आरोप में छह साल के लिये सपा से निष्कासित कर दिया गया था. बता दें कि उन्होंने सपा मुखिया पर एकतरफा बातें सुनकर कार्रवाई करने का आरोप लगाया था. साथ ही यह अनुरोध किया था कि वह सपा के संरक्षक बन जाएं और अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दें.