Rajpath Desk : पटना के बिहटा में दहेज को लेकर लड़के पिता ने शादी से इंकार कर दिया तो लड़के ने आगे बढ़कर लड़की का थाम लिया। दरअसल, लड़की वाले जब दहेज की रकम देने में असमर्थतता जताने लगे तो लड़के के लोभी पिता ने अपने पुत्र की शादी करने से इंकार कर दिया। इस बात की जानकारी जब पुत्र को लगी तो वह आग बबूला हो गया। उसने स्वयं दुल्हन से शादी करने का प्रस्ताव रखा।
जिसके बाद लड़की सहित उसके घर वालों ने दोनों की शादी हिन्दू रीति रिवाज से मंदिर में करा दी। शादी करने वाली लड़की बिहटा निवासी स्व सूरज पाल की (22) वर्षीय पुत्री रानी कुमारी है और लड़का पालीगंज के जरखा निवासी अर्जुन भगत का पुत्र अमरनाथ कुमार (25) है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि लड़के के पिता की गैर मौजूदगी में यह विवाह संपन्न हुआ है।
परिणयसूत्र में बंधे अमरनाथ और रानी ने कहा कि दहेज की प्रथा सामाजिक, आर्थिक, नैतिक और राष्ट्रीय दृष्टि से अत्यन्त हानिकारक और घोर निंदनीय है। इसके कारण गरीब घर की सुयोग्य कन्याएं, साधन सम्पन्न परिवारों के पास नहीं पहुँच पा रही है। जिस पिता के पास कई कन्याएं होती हैं, वह अत्याधिक चिंतित रहता है। गलत तरीके से बेटी को दहेज देने के लिए पैसे इक्ट्ठाक करता है।
इस पर भी यदि धन जुटाने में सफलता न मिली तो कई बार बड़ी लोमहर्षक, हृदयद्रावक घटनाएं घटित हो जाती हैं। जानकारी के अनुसार, अमरनाथ और रानी दोनों आपस मे प्रेम करते थे। प्रेम परवान पर चढ़ा और दोनों ने अपने परिजनों को शादी करने के लिए सहमत किया। लेकिन लड़के के अभिभावक ने लड़की के अभिभावक से शादी में अपने पास से कुछ भी रुपये खर्च करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि अमरनाथ की शादी बड़े धूमधाम से होनी चाहिए आप शादी का सारा खर्च उठा ले। शादी की खर्च की लिस्ट देख लड़की के अभिभावक रुपये की व्यवस्था में लग गए। लेकिन उनकी परेशानी को देख रानी रहा नही गया और सारी समस्या से अपने प्रेमी अमरनाथ को अवगत करा दिया। इसके बाद अमरनाथ खुद रानी के घर पंहुच गया और मंदिर में शादी रचा ली।
इस शादी की को देखने के लिए काफी संख्याश में लोग मंदिर परिसर में इक्ट्ठे हो गए थे। लोगों को जब हकीकत मालूम हुई तो कहा कि वाह! बेटा हो तो अमरनाथ के जैसा। यदि सभी लड़के इसी तरह से दहेज और फिजूलखर्ची का विरोध करने लगें तो समाज से कुरीतियां समाप्त हो जायेगी।