Rajpath Desk/ New delhi : एक अदालत ने कहा कि किसी महिला को उसकी मर्जी के बगैर कोई छू भी नहीं सकता। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिलाएं गलत मानसिकता वाले शख्स की विक्टिम बन जाती हैं। कोर्ट ने 9 साल की बच्ची के सेक्शुअली हैरेसमेंट के लिए छविराम नामक दोषी को 5 साल की सजा सुनाई है।
दोषी ने बच्ची को गलत तरीके से छुआ था। न्यूज एजेंसी के मुताबिक एडिशनल सेशंस जज सीमा मैनी ने छविराम को 5 साल की सजा सुनाई। 2014 में दोषी ने दिल्ली के मुखर्जी नगर के भीड़भाड़ वाले इलाके में बच्ची को गलत तरीके से छुआ था। महिला की बॉडी पर उसका हक है। महिला की मर्जी के बिना कोई उसके शरीर को छू नहीं सकता, चाहे मकसद कुछ भी हो। “किसी महिला का राइट ऑफ प्राइवेसी पुरुष तय नहीं कर सकता।
वे फायदा उठाने या अपनी भावनाओं को तुष्ट करने से पहले दो बार नहीं सोचते।” ऐसे गलत मानसिकता वाले लोगों को हैरेसमेंट से मजबूती मिलती है। ये लोग महिलाओं और बच्चियों के प्राइवेसी राइट से बेखबर होते हैं। कोर्ट ने छविराम पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से 5 हजार बच्ची को दिए जाएंगे।
इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी से भी बच्ची को 50 हजार रु. देने का ऑर्डर दिया है। कोर्ट ने कहा कि भारत जैसे आगे बढ़ने वाले टेक्नीकल रूप से ताकतवर देश में महिलाओं के साथ पब्लिक प्लेस मसलन भीड़भाड़ वाली जगह, बस या बाजार में सेक्शुअल हैरेसमेंट हो रहा है।
बच्ची के साथ हैरेसमेंट की शिकायत 25 सितंबर, 2014 को दर्ज की गई थी। इसके मुताबिक, बच्ची अपनी मां के साथ थी। उस वक्त आरोपी ने बच्ची को गलत तरीके से छुआ था। विक्टिम ने तुरंत अपनी मां को इस बारे में बताया। तब तक आरोपी भागने लगा था। मां ने लोगों की मदद से उसे पकड़ लिया था।