मुंबई, 25 जुला मुंबई के घाटकोपर उपनगर में मंगलवार सुबह एक जीर्ण चार मंजिला आवासीय इमारत के ढहने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई।
दामोदार पार्क में ध्वस्त हुए साईं दर्शन इमारत के मलबे से 17 लोगों को जिंदा निकाला गया। बचाव कार्य जारी है, क्योंकि मलबे में अभी भी आठ लोगों के दबे होने की आशंका है।
माना जा रहा है कि इमारत में लगभग 12 परिवार रह रहे थे, जिसके निचले तल पर एक निजी नर्सिग होम का भी संचालन हो रहा था।
चश्मदीदों के मुताबिक, सुबह 10.43 बजे के आसपास इमारत अचानक ढह गई और धूल के गुबार के बीच उन्होंने कराहने व मदद के लिए चिल्लाने की आवाजें सुनीं।
मुंबई फायर ब्रिगेड, बीएमसी बचाव दल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) तथा राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) का दल तथा अन्य 14 दमकल, बचाव वाहन, एंबुलेंस, जेसीबी तथा मेटल कटर के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।
यह इमारत बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के खतरनाक इमारकों की सूची में शामिल थी और छह महीने पहले ही उसे खाली करने का नोटिस जारी किया गया था।
बीएमसी आपदा नियंत्रण के मुताबिक, बचाए गए लोगों में से 11 को इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घायलों में दो दमकलकर्मी हैं। बाकी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
दिल्ली में मौजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच का आदेश दिया है और निगम आयुक्त अजय मेहता से 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
राहत व बचाव कार्यो की निगरानी के लिए राज्य आवास मंत्री प्रकाश मेहता, निगम आयुक्त अजय मेहता, महापौर विश्वनाथ महादेश्वर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता तथा पूर्व मंत्री एम.नसीम खान, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शहर के अध्यक्ष सचिन अहिर, स्थानीय विधायक तथा निगम पार्षद व अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे।
इस सवाल के जवाब में कि नर्सिग होम शिवसेना के एक स्थानीय नेता द्वारा चलाया जा रहा था और अवैध मरम्मत कार्य किया जा रहा था, मंत्री मेहता ने आश्वस्त किया कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।